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ईरान ने दुनिया की नब्ज पर हाथ रख दिया है। होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया गया है

अजीत मिश्रा (खोजी)

ईरान ने दुनिया की नब्ज पर हाथ रख दिया है।
होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया गया है…

यही रास्ता है जिससे दुनिया का तेल गुजरता है।
अब पूरी दुनिया खौफ में है,
लेकिन भारत पहले से तैयार बैठा है…!!

भारत की तैयारी क्या है..?
यूरोप कैसे तेल के लिए मछली की तरह तड़पेगा..?

होर्मुज जलडमरूमध्य एक बहुत ही संकुचित लेकिन सबसे अहम समुद्री रास्ता है, जहां से दुनिया का लगभग एक चौथाई तेल व्यापार होता है।

ये रास्ता केवल 33 किलोमीटर चौड़ा है, लेकिन इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अगर यह बंद होता है, तो पूरी दुनिया की तेल आपूर्ति लड़खड़ा सकती है।

यूरोप अमेरिका समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा सकती है ईरान के इस कदम के बाद.. क्योंकि ईरान यहाँ बारूद बिछाने जा रहा है।

ईरान ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए बाब अल मंडेब नामक चोकपॉइंट को भी नियंत्रित कर लिया है। ये वह रास्ता है जिससे अफ्रीका से तेल आता है,

लेकिन इस पर ईरान समर्थित हूथियों ने कब्जा कर लिया है। इसका मतलब है कि अब तेल की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी और महंगाई पूरी दुनिया में आग की तरह फैल सकती है।

अमेरिका तो सर्वाइव कर जाएगा क्योंकि उसके पास तेल भंडार है। यूरोप के लिए गब्बर सिंह का ये डॉयलॉग फिट बैठ रहा है – “तेरा क्या होगा कालिया”

अगर स्थिति ज्यादा बिगड़ती है, तो यह पूरी दुनिया के लिए आर्थिक आपदा बन सकती है। कई देश जहां पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, उनके लिए यह एक झटका होगा।

महंगाई, मंदी और अस्थिरता एक साथ आएगी — जैसे किसी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की हत्या कर दी हो।

लेकिन भारत सरकार ने पहले ही इन खतरों को भांप लिया था। जब बाकी देश तेल के लिए लड़ाई में उलझे थे, तब भारत ने चुपचाप अपनी रणनीति बना ली थी।

अब भारत रूस और अमेरिका से बड़ी मात्रा में तेल मंगवा रहा है, वो भी भारी छूट पर। रोज़ाना 2.2 मिलियन बैरल से भी ज्यादा क्रूड ऑयल भारत में आ रहा है, जो पिछले दो सालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के समय पश्चिमी देशों ने भारत पर दबाव डाला था कि वह रूस से तेल न खरीदे। लेकिन भारत ने इस दबाव को सिरे से खारिज कर दिया।

नतीजा यह है कि आज जब दुनिया परेशानी में है, भारत के पास तेल का भरपूर स्टॉक है और दाम काबू में हैं।

इतना ही नहीं, भारत ने 40 अलग-अलग देशों से तेल आपूर्ति के विकल्प बनाए हैं। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई एक देश आपूर्ति रोक भी दे, तो भारत की ऊर्जा जरूरतें प्रभावित न हों।

यह दूरदृष्टि और निर्णय लेने की शक्ति मोदी सरकार को दूसरों से अलग बनाती है। अगर इतनी दूर की सोच कांग्रेस के समय होती, तो हर 10 साल में तेल की कीमतें दोगुनी न होती। आज भारत न सिर्फ संकट से सुरक्षित है, बल्कि अपने फैसलों से दुनिया को रास्ता भी दिखा रहा है।

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